भारत को मिली सबसे बड़ी उपलब्धि w.h.o. के नेतृत्व की राह हुई आसान new update
भारत को मिली सबसे बड़ी उपलब्धि w.h.o. के नेतृत्व की राह हुई आसान new update
W.H.O( World Health Organization) क्योंकि विश्व के स्वास्थ्य संबंधी आए बदलाव एवं भविष्य में मानव की औसत आयु पर रिसर्च एवं नई जानकारी ऑथेंटिक रूप से लोगों के रूप में डब्ल्यूएचओ दौरा प्रमाणित की जाती है इस संस्था की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को की गई थी जिसका मूल उद्देश्य मानव के स्वास्थ्य संबंधी पर्यवेक्षण एवं नए आयाम मानव जीवन में प्रमाणीकरण स्वास्थ्य संबंधी विश्व प्रमाणीकरण एवं नवीनतम जानकारी साझा करना जो कि विशेष रूप से शिशु एवं महिला कल्याण को लेकर विशेष जोर दिया गया है डब्ल्यूएचओ के प्रमाणन के बाद ही कौन सारी मेडिसिन है मानव हितेश जी योजनाओं का गठन किया गया है इसमें वर्तमान में 194व 12 सदस्य देश के सम्मिलित किए गए हैं भारत में इसका मुख्यालय दिल्ली में है
करोना त्रासदी को देखते हुए भारत के लिए डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व की राह आसान होती दिख रही है आज इसी सुंदर नाम जनसत्ता के माध्यम से बात करेंगे
भारत के लिए बड़ा अवसर पर समय चुनौतीपूर्ण
भारत कुछ ही दिनों बाद डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व की जिम्मेदारी लेने जा रहा है वहीं भारत को यहां महत्वपूर्ण समय है वही चुनौतीपूर्ण भी समय रहेगा क्योंकि डब्ल्यूएचओ आज के समय में चीन और अमेरिका के बीच गतिरोध का सबसे बड़ा विषय रहा है जहां अमेरिका कहता है कि डब्ल्यूएचओ ने चीन को केंद्रित कर कई फैसले गोपनीय रखे हैं वही करना को फैलाने में डब्ल्यूएचओ पर अंगुली उठाता रहा है और वही चीन का कहना है कि डब्ल्यूएचओ अपनी भूमिका पूर्णतया निष्पक्ष निभा रहा है इस समय में भारत को मिली बड़ी जिम्मेदारी बड़े सम्मानजनक शांतिपूर्ण के द्वारा निभाने का अवसर है |
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डब्ल्यूएचओ की जिम्मेदारी से भारत का बढ़ेगा पूरे विश्व में वर्चस्व
वैसे माना जाए तो डब्ल्यूएचओ की नेतृत्व की जिम्मेदारी भारत को मिलने से भारत के वर्चस्व में विश्वव्यापी उत्थान होगा भारत के लिए यह सबसे बड़ा सा नेम असर होगा कि जाए एक और डब्ल्यूएचओ की सदस्यता के लिए कई देशों को लाइन में लगा रहना पड़ा वहीं भारत को इससे बड़े मंच जो कि वह विश्व के स्वास्थ्य संबंधी हर फैसले की उठता है और प्रमाणित अकेले के लिए कार्यरत रहता है इस बड़ी जिम्मेदारी के लिए यदि भारत कर्तव्य निष्ठा और शांतिपूर्ण तरीके से विश्व में शांति का मार्ग प्रशस्त करें यदि तो भारत के लिए वर्चस्व के सिवा विश्व में अपनी साख बनाने का स्वर्णिम अवसर सिद्ध होगा कोराना में भारतीय अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से रुकना हो चुकी है वहीं भारत के लिए स्वास्थ संबंधी कई सारी जिम्मेदारियां जोगी विश्व स्तर पर फैसला लेने की जिम्मेदारी है वही देखा जाए तो भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र जो कि अवल दर्जे का माना जाता है उसमें हम कई भूतपूर्व सफलताएं डब्ल्यूएचओ की नेतृत्व शक्ति मेरे द्वारा प्राप्त कर सकते हैं
डब्ल्यूएचओ का नेतृत्व भारत किस तरह करेेगा
डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व की बात करें तो भारत के पास संपूर्ण रूप से सभी वह चीज है वाया मौजूद है जो भर जोगी डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में भारत के काम को आसान करेंगे उसमें स्वास्थ संबंधी महके में में कई सारी उपलब्धियों से सुसज्जित डॉक्टर्स टीम आज भारत के पास है आज आज भारत में कोरोना काल में ढाई लाख से अधिक प्रतिदिन पीपीपी किट बनाने का विश्व रिकॉर्ड तोड़ा है तथा सबसे ज्यादा वेलटीनेटर एव 10000 से ज्यादा रेल कोच ओ को वातानुकूलित अल्टरनेटर में तब्दील करने के लिए भारत सरकार की जो प्रयास है उसे देखते हुए विश्व में डब्ल्यूएचओ के महत्व पूर्ण जिम्मेदारी मिली है जिसे भारत आसानी से निभा सकेगा इसमें तो कोई राय नहीं है कि भारत को जो भी जिम्मेदारी जब भी जैसी स्थिति में मिले हैं चाहे वह कोरोना काल में मिली हो या द्वितीय विश्व युद्ध के समय भारत में बड़ी जिम्मेदारी से विश्व को शांति की राह दिखाइए |
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